टकराव: नेपाल में 6 घंटे
हिरासत में रहे SSB के 13
जवान, 42 भारतीय चैनल
बैन, बॉलीवुड फिल्मों के
शो भी कैंसिल
मधेसी आंदोलन के चलते गृहयुद्ध जैसे हालात का सामना कर रहा नेपाल अब
भारत को तेवर दिखा रहा है। रविवार को नेपाल ने दो भारत विरोधी
कदम उठाए। पहला- नेपाल पुलिस ने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 13
जवानों को छह घंटे तक हिरासत में रखा। बताया जा रहा है कि भारतीय
जवान तस्करों का पीछा करते हुए नेपाल की सीमा में घुस गए थे। सशस्त्र
सीमा बल (एसएसबी) के डायरेक्टर बीडी शर्मा ने भारतीय जवानों को
हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की है। दूसरा- 42 भारतीय चैनलों पर
पाबंदी लगा दी। इतना ही नहीं, काठमांडू के थिएटर्स में भारतीय फिल्मों
के शो भी रोक दिए गए हैं।
ऐसे हुआ जवानों को हिरासत में लेने का पूरा घटनाक्रम
जानकारी के मुताबिक, अंबारी-केसना बॉर्डर पर रविवार सुबह 7.30 बजे
13 सदस्यों की पेट्रोल पार्टी ने कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखीं और
पीछा किया। जिसे एसएसबी की 12वीं बटालियन के जवान रोशन और
राम प्रसाद लीड कर रहे थे। ये जवान बॉर्डर क्रॉस कर करीब 50 मीटर अंदर
चले गए थे और खूंटनमानी नाम के गांव में पहुंच गए। जवानों को देखकर गांव के
लोग एकत्रित हो गए और उन्हें आर्म्स पुलिस फोर्स के हवाले कर दिया।
इसके बाद भारतीय जवानों को नेपाल के झापा जिले की बॉर्डर पोस्ट पर
लाया गया।
भारतीय चैनलों पर पाबंदी
दूसरी ओर भारतीय चैनलों पर पाबंदी लगाने जाने के पक्ष में यह तर्क दिया
जा रहा है कि भारत की ओर से नेपाल को तेल और अन्य जरूरी सामान की
सप्लाई रोके जाने के खिलाफ बढ़ते रोष की वजह से यह कदम उठाया गया
है। नेपाल केबल टेलीविजन एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सुधीर पाराजुली ने
बताया कि यह ब्लैकआउट अनिश्चितकाल के लिए है। भारत ने नेपाल की
संप्रभुता में घुसपैठ की है, इसीलिए हमने भारतीय चैनलों का प्रसारण बंद कर
दिया है।
नेपाल में क्यों हो रहा है विरोध?
नेपाल में मधेसी और थारू जाति के अल्पसंख्यक नए संविधान में
प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है
कि बड़ी पार्टियों की साजिश के चलते वे राजनीतिक रूप से पिछड़ गए हैं।
इसी को लेकर वे आंदोलन चला रहे हैं। नेपाल में हाल ही में नया संविधान
लागू किया गया है।
नेपाल ने कुछ दिनों पहले ही किया था चीन से समझौता
भारत से होने वाले पेट्रोलियम उत्पादों की सप्लाई में बाधा के बाद नेपाल
ने चीन का रुख कर लिया है। कुछ दिनों पहले नेपाल ने पेट्रो चाइना के साथ
दो समझौतों पर दस्तखत किए थे, जिसके तहत नेपाल को चीन की ओर से
1000 मीट्रिक टन पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति की जाएगी। नेपाल के
साथ समझौता कर ड्रैगन ने कूटनीतिक मोर्चे पर भारत को बड़ा झटका
दिया था। दरअसल, नेपाल में नए संविधान बनने के बाद से मधेशी आंदोलन कर
रहे हैं। इस वजह से भारतीय ट्रक नेपाल में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं, जिसके चलते
वहां खाने-पीने की चीजों, ईंधन और दवाइयों की किल्लत हो गई है। इसी
वजह से नेपाल बार-बार भारत पर आरोप लगा रहा है। वहीं, भारत का यह
कहना है कि सीमा पर विरोध प्रदर्शनों की वजह से वह चाहकर भी आपूर्ति
नहीं कर पा रहा है।Next Page
Comments:
That doesn't make a significant difference to the top line. And for the bottom line, it will take five to six years to break even, Jajoo said.
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